अबकी होली
हमने भी कुछ
उन्हें रंगने का मन
बनाया था
लफ्ज़ो की पिचकारी में
कुछ अहसासों का
रंग मिलाया था
अपने उन रंगों में अब
उनको खूब भिगोना था
उनको मुझ जैसा करना
बस,
इक ऐसा स्वप्न
सलोना था.…
यही सोच फिर हमने
हमने भी कुछ
उन्हें रंगने का मन
बनाया था
लफ्ज़ो की पिचकारी में
कुछ अहसासों का
रंग मिलाया था
अपने उन रंगों में अब
उनको खूब भिगोना था
उनको मुझ जैसा करना
बस,
इक ऐसा स्वप्न
सलोना था.…
यही सोच फिर हमने
उनपे, दी उड़ेल
हरी-भरी गुलाल
और
किया फिर उन रंगों से
उनका बड़ा हाल-बेहाल
रंग-गुलाल-नीर-पिचकारी
से रंगा उन्हें हमने
जी-भरकर
बड़ी ख़ुशी थी हमें
इसतरह,
उन्हें अपने रंगों में
रंगकर…
गुरूर
तनिक ही देर में
चकनाचूर हुआ
उनकी रूह को रंगे
जो खुद से,
हर रंग इसमें
मजबूर हुआ.…
उन लफ्ज़ और अल्फ़ाज़ों ने
बस,
किया ऊपरी लागलपेट
लफ्ज़ो में डूबे जज्बातो की
हुई बड़ी फिर मटियामेट
और इस तरह
फिर इक फागुन
गया हमारा कोरा बीत
ज़िस्म भिगोया उन रंगों ने
रूह रह गई किन्तु रीत।।।
वाह !
ReplyDeleteWaah! Waah !
ReplyDeletebahut hi khoob Ankur :-)
बहुत सुंदर.
ReplyDeleteनई पोस्ट : होली : अतीत से वर्तमान तक
सुन्दर रचना।। सादर।।
ReplyDeleteनई कड़ियाँ : 25 साल का हुआ वर्ल्ड वाइड वेब (WWW)
waah anmol rang holi ke .....
ReplyDeleteवाह, बहुत खूब, रंग अपनी पूर्णता में दिखें इस बार।
ReplyDeleteवाह...लाजवाब!!
ReplyDeleteवाह्ह्ह अति सुन्दर ..
ReplyDeleteऔर इस तरह
फिर इक फागुन
गया हमारा कोरा बीत
ज़िस्म भिगोया उन रंगों ने
रूह रह गई किन्तु रीत।।।
क्या कहने
श्याम ऐसो रंग दीजो हो जाऊ श्यामा
बहुत सुंदर. होली की शुभकामनायें.
ReplyDeleteप्रेम और एहसास के रँग मिला के रंगों को लगाना था ... अंतस तक भीग जाता ..
ReplyDeleteगहरा एहसास लिए ... होली कि बधाई ...
सुन्दर एहसासात की रचना बे -पर्दा होने की बात होली के साथ असरदार जज़बाती बात
ReplyDeleteवाह...सुन्दर और सामयिक पोस्ट...
ReplyDeleteनयी पोस्ट@चुनाव का मौसम