Friday, October 31, 2025

दाग-धब्बे


 

धब्बे

कुछ होने का शंखनाद है

और हैं गवाही फतह की


सफलता की उजली सतह पर

हैं संघर्ष का काला टीका


धब्बे

गोरे कपोल का हैं काला तिल

और सुफेदी के प्रेमी


हैं ये

जीवन का ऐलान

क्योंकि

कफ़न पे नहीं होते धब्बे।


हर जागते

भागते

कुछ कर गुजरते इंसा

के हैं मुरीद

पर

मुर्दों से दूर 


दाग धब्बे


हर उजास का

नेपथ्य

हर खामोशी का

कथ्य।


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