कोमल फूल
क्यूं चढ़ती है
सुनहरी परतों पे धूल
तितलियों को
कहो आखिर
खूबसूरती का
क्या सिला मिला है
वासना का हर तरफ
जब बढ़ रहा यूं
सिलसिला है...
सच,
अच्छी सूरत भी क्या
बुरी चीज़ है..जानम!
जिसने भी देखा
बुरी नज़र से देखा।।
समझे ये दुनिया
माने ये दुनिया
वृक्ष चंदन के ही आखिर
कटते हैं क्यूं इस जहाँ में
नेक फितरत का न जाने
मोल आखिर क्यूं जहाँ ये...
सच,
अच्छी सीरत भी क्या
बुरी चीज़ है..जानम!
जिसने भी पायी
ठोकर ही खायी।।
शानदार अच्छी सूरत भी क्या बुरी चीज़ है जनम...अद्भुत पंक्तियाँ...
ReplyDeleteThanku vary much sir :)
Deleteअच्छी सूरत भी क्या बुरी चीज़ है जनम.........क्या बात है ......
ReplyDeleteशुक्रिया कौशलजी...
Deleteक्युं चढ़ती है
ReplyDeleteसुनहरी परतों पे धूल
.................
bahut sundar likha hai aapne...
जी धन्यवाद राहुल जी...
Deleteसुंदर रचना !
ReplyDelete(क्युँ को क्यूँ कर लें )
जी अवश्य...धन्यवाद आपका
DeleteBahut Sunder ....
ReplyDeleteआभार आपका मोनिका जी...
Deleteसुन्दर...
ReplyDeleteशुक्रिया...
Deleteबहुत ही उम्दा,प्रस्तुति...!
ReplyDeleteRECENT POST -: एक बूँद ओस की.
शुक्रिया आपका...
Deleteसार्थक विचार..
ReplyDeleteआभार प्रवीण जी...
Deleteसूरत और सीरत ... दोनों ही गुनाह बन जाते हैं ... क्या समय है ...
ReplyDeleteजी सत्यवचन...आभार प्रतिक्रिया हेतु।।।
Deletesarthakata ko samete huye behatareen rachana
ReplyDeleteधन्यवाद नवीन जी..
Deleteशानदार ...अद्भुत पंक्तियाँ...
ReplyDeleteआभार आपका राज जी..
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