क्लासरूम में
अर्थशास्त्र की शायद उस
कक्षा के बीच
खाली पड़ी अपनी बैंच के
बगल में
यकायक आ बैठा था कोई
और फिर मुश्किल था
समझना
जीडीपी और मानव विकास सूचकांक
के जोड़-तोड़ या किसी गणित को।
क्योंकि,
फिर.... डोपामीन या फिनाइल एथिलामाइन
जैसे रसायनों ने शुरु कर दिया था
दिखाना अपना असर।
अर्थशास्त्र की शायद उस
कक्षा के बीच
खाली पड़ी अपनी बैंच के
बगल में
यकायक आ बैठा था कोई
और फिर मुश्किल था
समझना
जीडीपी और मानव विकास सूचकांक
के जोड़-तोड़ या किसी गणित को।
क्योंकि,
फिर.... डोपामीन या फिनाइल एथिलामाइन
जैसे रसायनों ने शुरु कर दिया था
दिखाना अपना असर।
बगल वाली सीट का
ये पहला कमाल था...
न चाहते हुए भी
रूह में उठा इक धमाल था।
और प्रेम रसायनों के उत्सर्जन से
समझ, सोच या विवेक जैसे
शब्दों का शुरु हो चुका था
जीवन से पलायन।
जीवन के अगले हिस्सों में
फिर-फिर बढ़ता गया
उस बगल वाली सीट का अधिकार।
पहले शायद शैक्षिक भ्रमण के दौरान
वो बस में बगल वाली सीट पर।
थामा था हाथ पहली मर्तबा...
बगल वाली ही उस सीट पर।
कभी किसी सिनेमाघर में,
कभी किसी रेस्टॉरेंट या
कभी किसी संगोष्ठी को सुनते हुए...
बगल वाली सीट पर,
कुछ और देखने-सुनने के बजाय
वे करते थे बिना कुछ कहे-सुने
एक दूसरे के ही विचारों या भावों
का आदान-प्रदान।
और फिर...
दफ़्तर से घर...घर से दफ़्तर के दरमियां।
अमूमन हर रोज़ ही।
ड्राइविंग सीट पर वो,
और बगल वाली सीट पर तुम
करते हुए बेइंतहा बात
लंबे रास्ते को भी
चंद लम्हों में ही बिता देते थे।
और लगता था
ये रास्ता इतना छोटा क्युं है?
अब,
दुनिया को खाली दिख रही
वो बगल वाली सीट
उस आवारा के लिये
अब भी किसी के होने का
अहसास जगाती है....
और, वो सिरफिरा
रास्तों के बीच...
खाली पड़ी अपनी गाड़ी में
बगल वाली सीट से ही
बड़बड़ाता हुआ
करता है
चपड़-चपड़।
पचड़-पचड़।।
बहुत सुंदर गहरे एहसास और भावों से परिपूर्ण बेहद परिपक्व शानदार रचना अंकुर जी...नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ।
ReplyDeleteइतने लंबें अंतराल पर पढ़ी आपकी कविता...बहुत अच्छी लगी।
बहुत शानदार अंकुर भाई
ReplyDeleteहर किसी को कितनी अपनी ही लगती है ये कविता
बहुत खूब ...
ReplyDeleteकई दिनों के बाद असल रंग नज़र आ रहा है आपका ...
बगल वाली सीट का असर है या उसके खाली होने का ... रूर से रूह तक पहुंची एहसास भरी रचना है ...
जी नमस्ते,
ReplyDeleteआपकी लिखी रचना मंगलवार ८ जनवरी २०१९ के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं...धन्यवाद।
समय के साथ क्या से क्या हो जाता है।
ReplyDeleteगहरे भाव लिये सुंदर रचना।
वाह!!बहुत खूब!!
ReplyDeleteऔर प्रेम रसायनों के उत्सर्जन से
ReplyDeleteसमझ, सोच या विवेक जैसे
शब्दों का शुरु हो चुका था
जीवन से पलायन।
बहुत लाजवाब....
वाह!!!
वाह! पहले शब्द से लेकर अंतिम शब्द तक मुझे बांधे रखा...पूरी रचना पढ़ गया और पता ही नहीं चला। हृदय स्पर्शी रचना। भाव उभर के आए हैं। अप्रतिम।
ReplyDeleteअलग सी अपनी बात कहती एक सुन्दर पोस्ट जो बीते समय को फिर से अपने पास रोक कर रखने की उम्मीद जगाती है ...बहुत खूब ...
ReplyDeleteरासायनिक ऊर्जा से लबरेज रचना ... अनोखे अंदाज़ में
ReplyDeleteबहुत सुंदर भाव लिए दिल को छूती रचना।
ReplyDeleteबहुत सुंदर भाव लिए दिल को छूती रचना।
ReplyDeleteThanks very nice article keep up the good work.
ReplyDeletetop 10 watches for men
DVDVilla
Sockshare
Ipagal
webinhindi
ReplyDeleteआपकी वर्णन बहुत ही सुंदर है। मुझे पढ़कर बहुत अच्छा लगा। आपकी वाक्य बहुत ही स्पष्ट है।
Very good write-up. I certainly love this website. Thanks!
ReplyDeletehinditech
hinditechguru
make money online
बगल वाली सीट के कमाल के रंग देखने को मिले, वाकई दिल को छू गयी रचना
ReplyDeleteजी नमस्ते,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा सोमवार(२४-०२-२०२०) को 'स्वाभिमान को गिरवी रखता'(चर्चा अंक-३६२१) पर भी होगी।
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
आप भी सादर आमंत्रित है
….
अनीता सैनी
उत्तरप्रदेश विधवा पेंशन योजना, उत्तरप्रदेश किस्सान आवास क़िस्त योजना ,उत्तरप्रदेश बाल श्रमिक विधा योजना, उत्तरप्रदेश मुर्गीपालन लोन योजना, उत्तरप्रदेश विश्वकर्मा सम्मान योजना, अनेक योजना का आम जन के विकास और समृद्धि पूर्ण जीवन यापन हेतु चलायी जा चुकी है. ऐसे सभी तरह कि Sarkari yojana Form भरकर अप्लाई जरुर करे, आप योग्य हुए तो योजना का लाभ मिलेगा
ReplyDeleteBest content & valuable as well. Thanks for sharing this content.
ReplyDeleteApproved Auditor in DAFZA
Approved Auditor in RAKEZ
Approved Auditor in JAFZA
i heard about this blog & get actually whatever i was finding. Nice post love to read this blog
Approved Auditor in DMCC
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में" गुरुवार 26 अक्टूबर 2023 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद! !
ReplyDeleteवाह
ReplyDeleteबहुत सुंदर रचना
ReplyDelete