ख्वाहिश,
तुम्हें पाने की
दिल में सजाने की।
ख्वाहिश,
आँसू बहाने की
खुलके मुस्कुराने की
बतिया बनाने की।
ख्वाहिश,
गीत गुनगुनाने की
झूमने-झूमाने की
दूनिया पे छाने की।
दिल के ज़र्रे-ज़र्रे में
ये ख्वाहिशें समायी
ज़िंदगी में छायी..
पर,
नादान ख्वाहिशें ये
हालात नहीं जाने
न अपनों की माने
दस्तूर जमाने के
न तनिक भी पहचाने।
हैं रिवाज़ों के बंधन
हज़ारों हैं अड़चन
लोगों की बातें
बढ़ाती हैं तड़पन।
फिर भी ये ख्वाहिशें
बढ़ती ही जाती
चैन नहीं पाती
कितना सताती
सच,
ये ख्वाहिशें
बड़ी बदतमीज होती हैं।।
kabhee kabhee yeah khwahishee Badtammez aur haseen bhee hote hae.
ReplyDeleteसही कहा संगीता दी... बदतमीजियों का हसीनपन सिर्फ ख्वाहिशों में ही संभव है...
Deletewaaaaaah
ReplyDeleteशुक्रिया..
Deleteसुन्दर ख्वाहिशें.......
ReplyDeleteआभार आपका...
Deleteख्वाहिशों की सुंदर अभिव्यक्ति !
ReplyDeleteRECENT POST : पाँच दोहे,
जी धन्यवाद..आता हूं आपके चौखट पे।
Deleteअतिसुंदर
ReplyDeleteधन्यवाद मोनिका जी...
Deleteबहुत सुन्दर, सशक्त शब्द संप्रेषण
ReplyDeleteधन्यवाद प्रवीणजी...किंतु आपसा शब्द संग्रह और संप्रेषण की प्रभावशीलता विरले ही देखने मिलती है।।
Deleteबहुत सुंदर ......
ReplyDeleteशुक्रिया आपका...
Deleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति.. आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी पोस्ट हिंदी ब्लॉग समूह में सामिल की गयी और आप की इस प्रविष्टि की चर्चा कल - रविवार - 06/10/2013 को
ReplyDeleteवोट / पात्रता - हिंदी ब्लॉग समूह चर्चा-अंकः30 पर लिंक की गयी है , ताकि अधिक से अधिक लोग आपकी रचना पढ़ सकें . कृपया पधारें, सादर .... Darshan jangra
बहुत-बहुत शुक्रिया आपका जो मेरी रचना को इस काबिल समझा..आता हूँ आपके दरपे...
DeleteVery nice
ReplyDeleteधन्यवाद आपका...
Deleteबेहतरीन प्रस्तुति
ReplyDeleteसुरेश राय
कभी यहाँ भी पधारें और टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें
http://mankamirror.blogspot.in
जी शुक्रिया..आता हूँ आपके आइने में खुद को निहारने।।।
Deleteये जैसे भी हैं अपनी तो हैं ... दिल के करीब रहती हैं .. दिल में उमंग जगाती हैं .. जीने को प्रेरित करती हैं ... चाहे बतमीज हों ...
ReplyDeleteजी बात सही है..पर मेरे लिये इनकी बदतमीजियाँ कई बार परेशानी की वजह बन जाती है...धन्यवाद आपका प्रतिक्रिया के लिये...
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ReplyDeleteहजारों ख्वाहिशें अरबों प्राणियों की पता नहीं किस पर दिल मरे......सुन्दर।
ReplyDeletebahut sundar rachna hai aapki..yahan bhi padharen..
ReplyDeletehttp://iwillrocknow.blogspot.in/
Uf ye khwhishen... n hoti to kya hota?
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ReplyDeletekhwahishen aakash se bhi unchi or vistrit hai...jo ho sar uthaye rahti hai......mohak rachna....
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