अक्सर
लोगों के ठहाके देखकर भी
मुझे हँसी नहीं आती
अक्सर
जमाने में दर्द देखकर भी
मेरी अंखियाँ आँसू नहीं बहाती..
अक्सर
सुंदर खूबसूरत नगमों पे भी
मैं झूमता नहीं हूँ
अक्सर
सुनहरी यादों के साये में
मैं घूमता नही हूँ।
लोगों के ठहाके देखकर भी
मुझे हँसी नहीं आती
अक्सर
जमाने में दर्द देखकर भी
मेरी अंखियाँ आँसू नहीं बहाती..
अक्सर
सुंदर खूबसूरत नगमों पे भी
मैं झूमता नहीं हूँ
अक्सर
सुनहरी यादों के साये में
मैं घूमता नही हूँ।
इस कद़र मेरी बेरुखी देख
वो आसानी से कह जाते हैं
कि मुझे प्यार नहीं है
किसी का इंतज़ार नहीं है
इक सलोना दिल नहीं है
खुशनुमा महफिल नहीं है...
पर,
वो मेरे लफ्ज़ सुनते हैं
खामोशी नहीं!
और
मेरी ख़ामोशी
बड़ी खामोशी से
ये बताना चाहती है
कि सनम!
क्षणिक भावुकता
और परिपक्व संवेदनशीलता में
फ़र्क होता है.....
भावुकता का कालखण्ड सीमित होता है, संवेदनशीलता वृहद परिप्रेक्ष्य में दिखती है।
ReplyDeleteएकदम सत्य वचन..शुक्रिया प्रतिक्रिया हेतु।।
DeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteGood Thought
ReplyDeleteभावुकता क्षणिक होती है
ReplyDeleteऔर परिपक्व संवेदनशीलता स्थाई रहती है .... !
RECENT POST : - एक जबाब माँगा था.
जी शुक्रिया..आता हूँ आपके दर पे...
Deleteइस कद़र मेरी बेरुखी देख
ReplyDeleteवो आसानी से कह जाते हैं
कि मुझे प्यार नहीं है
किसी का इंतज़ार नहीं है
इक सलोना दिल नहीं है
खुशनुमा महफिल नहीं है...
बहुत सुंदर पंक्तियाँ.
नई पोस्ट : लुंगगोम : रहस्यमयी तिब्बती साधना
धन्यवाद राजीव जी..
Deleteक्षणिक भावुकता
ReplyDeleteऔर परिपक्व संवेदनशीलता में
फ़र्क होता है.....
...............सच्चाई बयाँ करती सुंदर पंक्तियाँ...!!!
बहुत बहुत शुक्रिया संजय जी...आपके संदेशों से अभिभूत हूं।।
Deleteभावुकता क्षणिक ज़रूर होती है ..किन्तु उस समय काव्य सृजन अच्छा हो जाता है ..मेरे भी ब्लॉग पर आये
ReplyDeleteजी आता हूं..
Deleteबहुत सुन्दर अभिव्यक्ति .. आपकी इस रचना के लिंक की प्रविष्टी सोमवार (21.10.2013) को ब्लॉग प्रसारण पर की जाएगी, ताकि अधिक से अधिक लोग आपकी रचना पढ़ सकें . कृपया पधारें .
ReplyDeleteशुक्रिया आपका...
Deleteअच्छी सुन्दर।
ReplyDeleteशुक्रिया आपका...
Deleteबहुत सुंदर और उम्दा अभिव्यक्ति...बधाई...
ReplyDeleteधन्यवाद प्रसन्न जी...
Deleteभावुकता क्षणिक हो या लंबी ...जीवन का असली रस तो इसी में है ... वेदनाओं का सैलाब उम्र भर बहता रहे हो क्या बात है ...
ReplyDeleteसही कहा...
DeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeletekhubsurat abhiwyakti....soch gahri....
ReplyDeleteThankyou :)
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