माना
कि जिंदगी में
ग़म बहुत हैं
माना
कि आँखें
नम बहुत हैं
माना
कि दिल के दरिया में
दर्द भरा है
माना
कि हर तरफ बस
बेवशी का पहरा है...
फिर भी सनम!
तुम्हें मुस्कुराना है
ऐ हमदम!
अपने ग़म को हराना है
जिंदगी को महज
गुजरे हुए लम्हों से
लंबी नहीं,
बल्कि
मुस्कुराहटों से
बड़ी बनाना है...
क्युंकि प्रियतम!
जिंदगी भी
बगिया की तरह होती है
और
बगिया को
राहों में बिखरी हुई
पत्तियों से नहीं
खिले हुए
गुलों से आंका जाता है।।
मुस्करा कर खुशियाँ बिखेर दें।
ReplyDeleteसही कहा आपने..शुक्रिया।।।
Deleteराहों में बिखरी हुई
ReplyDeleteपत्तियों से नहीं
खिले हुए
गुलों से आंका जाता है
.....बहुत सुंदर भावनायें और शब्द भी .बेह्तरीन अभिव्यक्ति
धन्यवाद संजय जी...
Deleteजीवन में मुस्कुराना
ReplyDeleteअपने ग़म को हराना !
नई रचना : सुधि नहि आवत.( विरह गीत )
शुक्रिया आपका..आता हूँ आपके ठिकाने पे।।।
Deleteमुस्कुराना ही जिन्दगी ,बहुत सुन्दर
ReplyDeleteधन्यवाद कौशलजी।।
Delete"ऐ हमदम!
ReplyDeleteअपने ग़म को हराना है
जिंदगी को महज
गुजरे हुए लम्हों से
लंबी नहीं,
बल्कि
मुस्कुराहटों से
बड़ी बनाना है..."
बहुत सुंदर
"ऐ हमदम!
ReplyDeleteअपने ग़म को हराना है
जिंदगी को महज
गुजरे हुए लम्हों से
लंबी नहीं,
बल्कि
मुस्कुराहटों से
बड़ी बनाना है..."
बहुत सुंदर
फिर भी सनम!
ReplyDeleteतुम्हें मुस्कुराना है
ऐ हमदम!
अपने ग़म को हराना है
जिंदगी को महज
गुजरे हुए लम्हों से
लंबी नहीं,
बल्कि
मुस्कुराहटों से
बड़ी बनाना है...
बहुत सुन्दर .
नई पोस्ट : एक जादुई खिलौना : रुबिक क्यूब
धन्यवाद राजीवजी...
Deleteबहुत सार्थक और सुन्दर ......
ReplyDeleteशुक्रिया अशोक जी...
Deleteaatamvisvash badane ka isse achha prayaas nahi ho sakta hai, aapo kivata ki bhut achhi samajh hai
ReplyDeleteशुक्रिया आपका जो आपने इस कविता को इस काबिल माना...
Deleteइसलिए गुल खलते रहने चाहियें ... दिल मिलते रहने चाहियें ...
ReplyDeleteग़मों को छुपा के खिलना ही तो जीवन है ...
एकदम सही फरमाया नासवाजी....
Deleteइस पोस्ट की चर्चा, मंगलवार, दिनांक :-01/10/2013 को "हिंदी ब्लॉगर्स चौपाल {चर्चामंच}" चर्चा अंक -14 पर.
ReplyDeleteआप भी पधारें, सादर ....राजीव कुमार झा
बहुत बहुत शुक्रिया आपका..
Deleteबहुत ही बेहतरीन लगी आपकी रचना...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर...
:-)
शुक्रिया आपका...
Deleteभावपूर्ण कविता। बिलकुल सही है, गुलशन की पहचान फूलों से होती है.
ReplyDeleteधन्यवाद आपका....
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