Friday, October 4, 2013

ख्वाहिशें

ख्वाहिश,
तुम्हें पाने की
दुनिया घुमाने की
    दिल में सजाने की।

ख्वाहिश,
आँसू बहाने की
खुलके मुस्कुराने की
बतिया बनाने की।

ख्वाहिश,
गीत गुनगुनाने की
झूमने-झूमाने की
दूनिया पे छाने की।

दिल के ज़र्रे-ज़र्रे में
ये ख्वाहिशें समायी
ज़िंदगी में छायी..
पर,
नादान ख्वाहिशें ये
हालात नहीं जाने
न अपनों की माने
दस्तूर जमाने के
न तनिक भी पहचाने।


हैं रिवाज़ों के बंधन
हज़ारों हैं अड़चन
लोगों की बातें
बढ़ाती हैं तड़पन।


फिर भी ये ख्वाहिशें
बढ़ती ही जाती
चैन नहीं पाती
कितना सताती

सच, 
ये ख्वाहिशें
बड़ी बदतमीज होती हैं।।

28 comments:

  1. kabhee kabhee yeah khwahishee Badtammez aur haseen bhee hote hae.

    ReplyDelete
    Replies
    1. सही कहा संगीता दी... बदतमीजियों का हसीनपन सिर्फ ख्वाहिशों में ही संभव है...

      Delete
  2. सुन्दर ख्वाहिशें.......

    ReplyDelete
  3. ख्वाहिशों की सुंदर अभिव्यक्ति !

    RECENT POST : पाँच दोहे,

    ReplyDelete
    Replies
    1. जी धन्यवाद..आता हूं आपके चौखट पे।

      Delete
  4. Replies
    1. धन्यवाद मोनिका जी...

      Delete
  5. बहुत सुन्दर, सशक्त शब्द संप्रेषण

    ReplyDelete
    Replies
    1. धन्यवाद प्रवीणजी...किंतु आपसा शब्द संग्रह और संप्रेषण की प्रभावशीलता विरले ही देखने मिलती है।।

      Delete
  6. बहुत सुंदर ......

    ReplyDelete
  7. बहुत सुन्दर प्रस्तुति.. आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी पोस्ट हिंदी ब्लॉग समूह में सामिल की गयी और आप की इस प्रविष्टि की चर्चा कल - रविवार - 06/10/2013 को
    वोट / पात्रता - हिंदी ब्लॉग समूह चर्चा-अंकः30 पर लिंक की गयी है , ताकि अधिक से अधिक लोग आपकी रचना पढ़ सकें . कृपया पधारें, सादर .... Darshan jangra


    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत-बहुत शुक्रिया आपका जो मेरी रचना को इस काबिल समझा..आता हूँ आपके दरपे...

      Delete
  8. बेहतरीन प्रस्तुति
    सुरेश राय
    कभी यहाँ भी पधारें और टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें
    http://mankamirror.blogspot.in

    ReplyDelete
    Replies
    1. जी शुक्रिया..आता हूँ आपके आइने में खुद को निहारने।।।

      Delete
  9. ये जैसे भी हैं अपनी तो हैं ... दिल के करीब रहती हैं .. दिल में उमंग जगाती हैं .. जीने को प्रेरित करती हैं ... चाहे बतमीज हों ...

    ReplyDelete
    Replies
    1. जी बात सही है..पर मेरे लिये इनकी बदतमीजियाँ कई बार परेशानी की वजह बन जाती है...धन्यवाद आपका प्रतिक्रिया के लिये...

      Delete
  10. This comment has been removed by the author.

    ReplyDelete
  11. हजारों ख्‍वाहिशें अरबों प्राणियों की पता नहीं किस पर दिल मरे......सुन्‍दर।

    ReplyDelete
  12. bahut sundar rachna hai aapki..yahan bhi padharen..
    http://iwillrocknow.blogspot.in/

    ReplyDelete
  13. This comment has been removed by the author.

    ReplyDelete
  14. khwahishen aakash se bhi unchi or vistrit hai...jo ho sar uthaye rahti hai......mohak rachna....

    ReplyDelete