Thursday, September 26, 2013

जिंदगी और मुस्कुराहटें


माना 
कि जिंदगी में
ग़म बहुत हैं

माना
कि आँखें
नम बहुत हैं
माना
कि दिल के दरिया में
दर्द भरा है
माना 
कि हर तरफ बस
बेवशी का पहरा है...


फिर भी सनम!
तुम्हें मुस्कुराना है
ऐ हमदम!
अपने ग़म को हराना है
जिंदगी को महज
गुजरे हुए लम्हों से
लंबी नहीं,
बल्कि
मुस्कुराहटों से
बड़ी बनाना है...


क्युंकि प्रियतम!
जिंदगी भी
बगिया की तरह होती है
और
बगिया को
राहों में बिखरी हुई
पत्तियों से नहीं
खिले हुए
गुलों से आंका जाता है।।

24 comments:

  1. मुस्करा कर खुशियाँ बिखेर दें।

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    1. सही कहा आपने..शुक्रिया।।।

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  2. राहों में बिखरी हुई
    पत्तियों से नहीं
    खिले हुए
    गुलों से आंका जाता है

    .....बहुत सुंदर भावनायें और शब्द भी .बेह्तरीन अभिव्यक्ति

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  3. जीवन में मुस्कुराना
    अपने ग़म को हराना !

    नई रचना : सुधि नहि आवत.( विरह गीत )

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    1. शुक्रिया आपका..आता हूँ आपके ठिकाने पे।।।

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  4. मुस्कुराना ही जिन्दगी ,बहुत सुन्दर

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  5. "ऐ हमदम!
    अपने ग़म को हराना है
    जिंदगी को महज
    गुजरे हुए लम्हों से
    लंबी नहीं,
    बल्कि
    मुस्कुराहटों से
    बड़ी बनाना है..."

    बहुत सुंदर

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  6. "ऐ हमदम!
    अपने ग़म को हराना है
    जिंदगी को महज
    गुजरे हुए लम्हों से
    लंबी नहीं,
    बल्कि
    मुस्कुराहटों से
    बड़ी बनाना है..."

    बहुत सुंदर

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  7. फिर भी सनम!
    तुम्हें मुस्कुराना है
    ऐ हमदम!
    अपने ग़म को हराना है
    जिंदगी को महज
    गुजरे हुए लम्हों से
    लंबी नहीं,
    बल्कि
    मुस्कुराहटों से
    बड़ी बनाना है...
    बहुत सुन्दर .
    नई पोस्ट : एक जादुई खिलौना : रुबिक क्यूब

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  8. बहुत सार्थक और सुन्दर ......

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  9. aatamvisvash badane ka isse achha prayaas nahi ho sakta hai, aapo kivata ki bhut achhi samajh hai

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    1. शुक्रिया आपका जो आपने इस कविता को इस काबिल माना...

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  10. इसलिए गुल खलते रहने चाहियें ... दिल मिलते रहने चाहियें ...
    ग़मों को छुपा के खिलना ही तो जीवन है ...

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    1. एकदम सही फरमाया नासवाजी....

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  11. इस पोस्ट की चर्चा, मंगलवार, दिनांक :-01/10/2013 को "हिंदी ब्लॉगर्स चौपाल {चर्चामंच}" चर्चा अंक -14 पर.
    आप भी पधारें, सादर ....राजीव कुमार झा

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    1. बहुत बहुत शुक्रिया आपका..

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  12. बहुत ही बेहतरीन लगी आपकी रचना...
    बहुत सुन्दर...
    :-)

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  13. भावपूर्ण कविता। बिलकुल सही है, गुलशन की पहचान फूलों से होती है.

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